फतेहपुर । शैलेन्द्र साहित्य सरोवर की 392 वीं साप्ताहिक रविवासरीय काव्य गोष्ठी शहर के मुराइन टोला स्थित हनुमान मंदिर में शैलेन्द्र साहित्य सरोवर के बैनर तले 392 वीं साप्ताहिक रविवासरीय सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन के. पी. सिंह कछवाह की अध्यक्षता एवं शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी के संचालन में हुआ । मुख्य अतिथि के रूप में स्वामी हनुमान दास उपस्थित रहे ।
काव्य गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए के. पी . सिंह कछवाह ने वाणी वंदना मे अपने भाव प्रसून प्रस्तुत करते हुए कहा- हंस वाहिनी ,ज्ञान दायिनी, मां, वंदन स्वीकार करो ।
शब्द-ज्ञान की ज्योति जलाकर,अंतस में उजियार भरो।।
पुनः कार्यक्रम को गति देते हुए काव्य पाठ में कुछ इस प्रकार से अपने अंतर्भावों को प्रस्तुत किया- धन विवेक वा कीर्ति का, करता क्रोध विनाश। सारा जीवन हो दुःखी, हो जग में उपहास।। डा. सत्य नारायण मिश्र ने अपने भावों को एक छंद के माध्यम से कुछ इस प्रकार व्यक्त किया – मैं आया संसार में,, मैं में ही रह खोय।
राम नाम लीया नहीं, सुख काहे को होय ।।प्रदीप कुमार गौड़ ने अपने क्रम में काव्य पाठ में कुछ इस प्रकार भाव प्रस्तुत किये – गुरु गुण- ज्ञान प्रवीण हैं, गुरु से बड़ा है कौन।
गुरु की वाणी ब्रह्म है, गुरु समक्ष सब मौन।।डॉ शिव सागर साहू ने काव्य पाठ में अपने भावों को कुछ इस प्रकार शब्द दिए – रामदास जी जो रहे,बजरंगी के भक्त ।
ब्रह्मलीन अब हो गए , व्यक्त से हो अव्यक्त ।।काव्य गोष्ठी के आयोजक एवं संचालक शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी ने अपनी श्रद्धांजलि हनुमान मंदिर के पूर्व महंत गोलोकवासी स्वामी रामदास जी के प्रति कुछ यों व्यक्त की – राम नाम जपते सदा, ‘रामदास’ था नाम।
हनुमत प्रिय श्री संत जी, गये राम के धाम।। मंदिर के महंत स्वामी रामदास जी के असामयिक निधन पर सभी ने दो मिनट मौन रहकर शोक व्यक्त किया एवं उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
कार्यक्रम के अंत में स्वामी हनुमान दास जी ने सभी को आशीर्वाद प्रदान किया ।आयोजक ने आभार व्यक्त किया ।