फतेहपुर जिले के मंदिर मकबरे विवाद को लेकर के कल शाम से फिर से एक नया मोड़ आ गया है इस मामले को लेकर सनातन धर्म से जुड़े विभिन्न संगठनों के युवा नेताओं ने सोशल मीडिया के जरिए लोगों को खुद लाइव आकर जानकारी दी है साथ ही इस बात के पुख्ता सबूत भी समाज के सभी वर्गों के बीच करते हुए जो कहा है वह भी गौर करने वाली बात है। उनका दावा है कि लगभग 600 वर्षों से ये प्राचीन मन्दिर है देश की आजादी के बाद 1970 तक शकुन्तला मान सिंह के पास इस मन्दिर व परिसर या मालिकाना हक रहा। सन् 1970 में शकुन्तला मान सिंह ने इस गाटा सं0 753 जिसमें मन्दिर स्थित है उक्त गाटा से राम नरेश सिंह को विक्रय किया। सन् 2000 से 2011 के मध्य राम नरेश सिंह के द्वारा मन्दिर परिसर को छोड़कर उक्त गाटे की सम्पूर्ण भूमि को प्लाटिंग के माध्यम से विक्रय कर दिया। सन् 2012 में वक्फ के द्वारा बनाये गये फर्जी दस्तावेज दाखिल कर सपा सरकार के दबाव में तत्कालीन उपजिलाधिकरी सदर द्वारा उक्त गाटा की जमीन को मकबरे के नाम पर दर्ज करवा दिया गया। जबकि उसके पूर्व मन्दिर परिसर को छोड़कर सम्पूर्ण भूमि को राम नरेश सिंह विक्रय कर चुके थे जिसमें लगभग 40 से 45 मकान बने हुये है।
सपा सरकार में जैसे ही मकबरा धरोहर के नाम फर्जी दस्तावेज के आधार पर खतौनी में चढ़ाया गया इसके बाद मुस्लिमों के द्वारा हिन्दुओं को पूजा अर्चना से मना किया जाने लगा और अराजक तत्वों के द्वारा हिन्दुओं को डराया और धमकाया जाता रहा। मुस्लिम परस्त सरकार होने के कारण हिन्दुओं की कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई थी। 2012 तक मन्दिर में एक मौर्य समाज का पुजारी था जो सुबह शाम मन्दिर में पूजा अर्चना करते चले आ रहे थे। मकबरा खतौनी में दर्ज होते ही उक्त पुजारी महोदय को मुस्लिमों के द्वारा मारपीट कर भगा दिया गया। मन्दिर में पूजा से रोके जाने के उपरान्त समस्त हिन्दू समाज एकत्रित होकर जिलाधिकारी महोदय को एक ज्ञापन के माध्यम से बताया था कि हम सभी 11 तारीख को पूजा अर्चना करने जायेगे। 11 तारीख को कर्पूरी ठाकुर चौराहे पर हिन्दू समाज भारी संख्या में एकत्रित हो रहा था एकत्रित होने के लिये हिंदू समाज लोग आ रहे थे वैसे ही मुस्लिम समुदाय के लोग द्वारा पत्थर बाजी चालू कर दी गयी और आपत्तिजनक नारे लगाये गये और भद्दी-भद्दी गालियां हिन्दू समाज को दी गयी इन सब के वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया में प्रचारित हुयी वैसे ही सम्पूर्ण हिन्दू समाज एकत्रित होकर मन्दिर की ओर चल पड़े। वहां पहले से ही योजनाबद्ध तरीके से मुस्लिम समाज के लोगों के द्वारा अपने घरों की छतों पर पत्थर लाठी डण्डे व तलवारों से हिन्दूओं के ऊपर हमला कर दिया। मन्दिर के आस पास एकत्रित मुसिलमानों के द्वारा की जमकर पथराव किया गया जिसमें कई हिन्दू चोटहिल हो हुये।
