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    Homeउत्तर प्रदेशफतेहपुरविद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों एवं निजीकरण के विरोध...

    विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों एवं निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों का प्रान्तव्यापी प्रदर्शन अटेवा के पदाधिकारी भी हुए विरोध में शामिल

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    फतेहपुर- ऊर्जा निगमों में बिजली कर्मचारियों, संविदा कर्मियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियन्ताओं पर निजीकरण हेतु की जा रही उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों के विरोध में बिजली कर्मियों ने आज फतेहपुर सहित प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। अधीक्षण अभियंता कार्यालय, फतेहपुर में बिजली कर्मियों के साथ विरोध प्रदर्शन में अटेवा, फतेहपुर के संयोजक भी अपने सदस्यों के साथ शामिल हुए।
    विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, फतेहपुर के बैनर तले बिजली कर्मियों अटेवा के सदस्यों ने उत्पीड़न वासप लेने तथा निजीकरण निरस्त करने के नारे लगाए।
    बिजली कर्मियों की मुख्य मांग यह थी कि ऊर्जा मंत्री ने 03 दिसम्बर 2022 और 19 मार्च 2023 को संघर्ष समिति के संयोजक सहित सभी शीर्ष पदाधिकारियों के साथ लिखित समझौता किया था। ऊर्जा मंत्री इस समझौते से मुकर गये हैं। समझौते के अनुसार मार्च 2023 की हड़ताल के दौरान की गयी उत्पीड़न की कार्यवाही आज तक वापस नहीं ली गयी है। इसके विपरीत निजीकरण हेतु लगातार उत्पीड़न की कार्यवाहियां की जा रही हैं जिससे बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा व्याप्त है।
    संघर्ष समिति की मांग है कि दिसम्बर 2022 और मार्च 2023 में किये गये समझौते का पालन किया जाये, मार्च 2023 के समझौते के अनुपालन में उत्पीड़न की की गयी समस्त कार्यवाहियां वापस ली जायें, अत्यन्त अल्प वेतन भोगी निकाले गये संविदा कर्मचारियों को बहाल किया जाये, उत्पीड़न की दृष्टि से बड़े पैमाने पर किये गये बिजली कर्मियों के स्थानान्तरण निरस्त किये जायें, बिजली कर्मियों के शीर्ष पदाधिकारियों पर दमन की दृष्टि से बैठाई गयी स्टेट विजिलेंस की जांच और की गयी एफआईआर वापस ली जाये, फेसियल अटेंडेंस के नाम पर बिजली कर्मियों का रोका गया वेतन जारी किया जाये, बिजली कर्मियों की रियायती बिजली की सुविधा समाप्त करने हेतु स्मार्ट मीटर लगाने की कार्यवाही तत्काल बन्द की जाये और प्रदेश के व्यापक हित में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का निर्णय निरस्त किया जाये। अटेवा के संयोजक निधान सिंह* ने कहा कि निजीकरण की लड़ाई हम सबकी है ये किसी भी विभाग और आम जनमानस के हित में नही है। इस लड़ाई में हम सभी को एक मंच पर आकर लड़ना होगा।
    आज अधीक्षण अभियंता कार्यालय, फतेहपुर की विरोध सभा मे धीरेन्द्र सिंह, आदित्य त्रिपाठी, प्रमोद मौर्य, रुद्र सिंह, कमलेश पाल, राजेश कुशवाहा, श्रवण सिंह, निसार खान, अनिल कुमार एवं अटेवा के सदस्य उदित सचान, अजय पाल और अनिल सविता आदि उपस्थित रहे।

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