फतेहपुर- 32 दिनों तक आजाद हुकूमत कायम करने वाले शहीद डिप्टी कलेक्टर हिकमत उल्ला खां का 166 वां बलिदान दिवस,आज सायं 7 बजे कोतवाली परिसर में श्रद्धापूर्वक मनाया गया। उपस्थित लोगो ने उनके व्यक्तित्व पर विस्तृत चर्चा कर रणबांकुरों व शहीदों के बलिदान से प्रेरणा लेने की अपील की जनपद के आजादी के इतिहास में डिप्टी कलेक्टर हिकमत उल्ला खागा के दरियाव सिंह व उनके पुत्र सुजान सिंह बिंदकी के जोधा सिंह अटैया व जमरावां के शिव दयाल सिंह रघुवंशी तथा कोराई के गयादीन दुबे की मुख्य भूमिका थी। आजादी के मतवालों के आहवान पर तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर हिकमत उल्ला साहब ने जेल का ताला खोल दिया और सारे कैदियों को आजाद कर दिया। 10 जून सन 1857 ई. को आजादी के मतवालों ने पूरे शहर पर कब्जा कर लिया। नाना साहब फतेहपुर के स्वतंत्र होने पर बहुत प्रभावित हुए। हिकमत उल्ला साहब को फतेहपुर का प्रशासक कलेक्टर (चकलेदार) नियुक्त किया। 12 जुलाई 1857 को मेजर हैवलाक व मेजर रेनाल्ड की संयुक्त सेनाओं ने घमासान युद्ध के बाद हसवां व बिलंदा के देशद्रोहियों की मुखबिरी पर हिकमत उल्ला साहब को गिरफ्तार कर लिया और बिना मुकदमा चले कोतवाली गेट फतेहपुर पर उनको फांदी दे दी गई। हिकमत उल्ला साहब ने 32 दिन की आजाद हुकूमत कायम की थी। इस मौके पर रहमान असलम ने युवा पीढ़ी का आहवान किया कि रणबांकुरों व शहीदों के बलिदान से सभी प्रेरणा लें।
इस मौके पर बृजेश सोनी, रवि सिंह, संजय गुप्ता,मो आसिफ एड, विनोद गुप्ता,धीरज बाल्मिकी,गाजी अब्दुर्रहमान,फरहान वारसी,पुन्ना ,डम्पी,प्रिंस गुप्ता, नूरुल, अहसान एड,इरशाद हुसैन,मो अलीम,मो अनीस, रामबाबू कश्यप आदि लोग उपस्थित रहे।
