फतेहपुर – शैलेन्द्र साहित्य सरोवर की 391 वीं साप्ताहिक रविवासरीय काव्य गोष्ठी
मुराइन टोला स्थित हनुमान मंदिर में शैलेन्द्र साहित्य सरोवर के बैनर तले 391 वीं साप्ताहिक रविवासरीय सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन के. पी. सिंह कछवाह की अध्यक्षता एवं शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी के संचालन में हुआ । मुख्य अतिथि के रूप में मंदिर के महंत स्वामी रामदास उपस्थित रहे
काव्य गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए के. पी . सिंह कछवाह ने वाणी वंदना मे अपने भाव प्रसून प्रस्तुत करते हुए कहा- सरस्वती मां आइए, होकर हंस सवार। कवियश का वरदान दे, करो स्वप्न साकार। पुनः कार्यक्रम को गति देते हुए काव्य पाठ में कुछ इस प्रकार से अपने अंतर्भावों को प्रस्तुत किया- अंतरिक्ष में खोज का, बना नया इतिहास। हैं शुभांशु गौरव बने, भारत मां के खास। डा. सत्य नारायण मिश्र ने अपने भावों को एक छंद के माध्यम से कुछ इस प्रकार व्यक्त किया – देश को नेता ठीक मिला है, बहुत दिनों के बाद। जनता को आधार मिला है, बहुत दिनों के बाद।प्रदीप कुमार गौड़ ने अपने क्रम में काव्य पाठ में कुछ इस प्रकार भाव प्रस्तुत किये – गर्मी,उमस वा ताप -तपिश, सब खेल सूर्य भगवान का।
देखो जिधर उधर है रेला,आम,जाम औ घाम का।आगे पुनः पढ़ा- भारत का अभिमान बढ़ चला, धरती से अब गगन की ओर।
है आशीष सकल जन- मन का, करें शुभांशु मिशन सिक्योर।।डॉ शिव सागर साहू ने काव्य पाठ में अपने भावों को कुछ इस प्रकार शब्द दिए -तटरक्षक बल को मिला,गस्ती पोत ‘अदम्य’।
जो स्वदेश में है बना, दुश्मन हेतु अगम्य।।काव्य गोष्ठी के आयोजक एवं संचालक शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी ने अपने भाव एक गीत के माध्यम से कुछ यों व्यक्त किये- मौत से डरकर जिये तो क्या जिये। मुस्कुराना क्या बिना विष के पिये।।कार्यक्रम के अंत में स्वामी जी ने सभी को आशीर्वाद प्रदान किया ।आयोजक ने आभार व्यक्त किया ।
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अंतरिक्ष में खोज का, बना नया इतिहास। हैं शुभांशु गौरव बने, भारत मां के खास।

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