नरसिंह मौर्य फतेहपुर

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में अचानक अपना दल एस की सक्रियता कई सवाल खड़े कर रही है? जिले में पिछले 9 वर्षों में विधानसभा से पार्टी के विधायक भी हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ की पार्टी को फतेहपुर में अपना साम्राज्य बढ़ाना पड़ रहा है? क्या भाजपा को चुनौती देने के लिए अपना दल एस अपना किला मजबूत कर रही है। आईये समझते हैं किसके राह में आएंगे गड्ढे और किसकी राह में बिछगे फूल?
अपना दल एस से बिंदकी विधानसभा से जय कुमार सिंह जैकी विधायक है। इसके पहले वो जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र से भी विधायक रह चुके हैं। भाजपा ने उनके 2017 कार्यकाल के दौरान उन्हें कारागार मंत्री का पद भी दिया था। हालांकि उन्नीस-बीस सबकुछ ठीक रहा।
भाजपा ने विधानसभा 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान जहानाबाद से सीट हारते दिख रहे जय कुमार जैकी पर दांव नहीं लगाया। पार्टी ने यहाँ से राजेंद्र पटेल को टिकट दिया। तो वहीं अपना दल ने इसे अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ा और बिंदकी से टिकट के लिए दबाव बनाया। दबाव काम कर गया और बिंदकी विधानसभा से जय कुमार जैकी को टिकट मिल गया।
जबकि यहाँ से सिटिंग विधायक करण सिंह पटेल की दावेदारी अंतिम समय तक मानी जाती रही है। अचानक हुए इस परिवर्तन से न केवल करण सिंह पटेल को सदमा लगा बल्कि फतेहपुर में चारों ओर अपना दल एस के वर्चस्व की बातें भी होने लगीं।
लेकिन बिंदकी के विधानसभा चुनाव के परिणाम ने अपना दल को आईना दिखा दिया। जय कुमार जैकी यहाँ से हारते-हारते ही जीत पाए। यह अपना दल के लिए शर्मनाक बात रही। यदि भाजपा से गठबंधन न होता तो अपना दल एस को मुंह की खानी पड़ती।
अपना दल एस की सुप्रीमो केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल और उनके पति उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री आशीष पटेल समय समय पर भाजपा सरकार पर निशाना साधने में पीछे नहीं रहे। भाजपा की ओर से भले ही कोई जवाब न दिया गया हो लेकिन अपना दल एस इसे भी गंभीरता से ले रही थी।
2024 लोकसभा चुनाव के दौरान अनुप्रिया पटेल और आशीष पटेल की सत्ता पक्ष के विरोध में खूब अदावत देखने को मिली। पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान अपना दल एस ने कभी भी भाजपा का खुल कर समर्थन नहीं किया। इतना ही नहीं जिस समय इंडिया गठबंधन पीडीए पर जोर दे रहा था उस समय अपना दल एस मौन रहा। चुनाव के समय अपना दल एस के इस कार्यव्यवहार की खूब चर्चा रही।
अब धीरे धीरे 2027 विधानसभा चुनाव पास आ रहा हैं। ऐसे में संभव है कि भाजपा बिंदकी विधानसभा से भी अपना दल एस का पत्ता काट दे। तो वहीं पार्टी भी दिखाना चाहती है कि वो भाजपा के रहमोकरम पर चुनाव नहीं लड़ना चाहती है और न ही अब तक भाजपा के दम से चुनाव जीत रही है, बल्कि उसका भी अपना जनाधार और संगठन है।
इसी को लेकर अपना दल एस फतेहपुर में नई राह बना रही है। अब देखने वाली बात होगी कि इस राह में किसे गड्ढे और किसे फूल मिलते हैं?