रिपोर्ट-नरसिंह मौर्य
फतेहपुर – ब्लॉक क्षेत्र असोथर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) परिसर स्थित प्रसव केंद्र की इमारत इन दिनों खतरे की घंटी बजा रही है। भवन का छज्जा टूटकर लटक रहा है और कभी भी गिर सकता है। इससे यहां आने वाले मरीजों, गर्भवती महिलाओं और स्वास्थ्यकर्मियों की जान पर रोजाना खतरा मंडरा रहा है। हैरानी की बात यह है कि जिम्मेदार अधिकारी सबकुछ जानते हुए भी चुप्पी साधे बैठे हैं।
इस जर्जर प्रसव केंद्र में टीबी विभाग और खून जांच केंद्र जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य विभाग भी संचालित हो रहे हैं। क्षेत्र के दर्जनों गांवों से रोजाना सैकड़ों मरीज जांच और इलाज के लिए यहां आते हैं। इनमें अधिकांश गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चे और बुजुर्ग होते हैं। छज्जा किसी भी समय भरभराकर गिर सकता है, जिससे बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी हुई है।
स्थानीय लोगों में नाराजगी
स्थानीय ग्रामीणों सोनू, दिनेश, शैलेश और मरीजों ननकी, सूरतिया, कल्लू इत्यादि ने स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता को लेकर भारी नाराजगी जाहिर की है। लोगों का कहना है कि जिम्मेदार अधिकारी किसी हादसे का इंतजार कर रहे हैं, तभी तकरीबन एक माह से लटक रहे छज्जे की मरम्मत तक नहीं कराई गई है। पीएचसी परिसर में मौजूद स्टाफ भी हर रोज इसी डर में काम कर रहा है कि कहीं कोई अप्रिय घटना न हो जाए।
सवालों के घेरे में स्वास्थ्य विभाग
स्वास्थ्य केंद्र में मूलभूत ढांचागत खामियों को लेकर पहले भी कई बार सवाल उठ चुके हैं। प्रसव केंद्र जैसे अति आवश्यक स्थल पर इस तरह की लापरवाही और सुस्ती किसी बड़ी त्रासदी को न्योता दे सकती है। ऐसे में यह आवश्यक हो गया है कि स्वास्थ्य विभाग तत्काल प्रभाव से मरम्मत कार्य शुरू कराए और जनता की जान जोखिम में डालने से बचे।
पीएचसी प्रभारी का बयान
इस संबंध में पीएचसी प्रभारी डॉ. नीरज गुप्ता ने बताया, “छज्जे की जर्जर स्थिति की जानकारी हमारे पास है। हमने इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दे दी है और सर्वे कराया जा चुका है, मरम्मत कार्य के लिए शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा। जब तक मरम्मत नहीं होती, तब तक हम लोगों को उस हिस्से से दूर रहने की सलाह दे रहे हैं। जल्द ही कार्य शुरू कराने की कोशिश की जा रही है।”