फतेहपुर- शैलेन्द्र साहित्य सरोवर की 393 वीं साप्ताहिक रविवासरीय काव्य गोष्ठी शहर के मुराइन टोला स्थित हनुमान मंदिर में शैलेन्द्र साहित्य सरोवर के बैनर तले 393 वीं साप्ताहिक रविवासरीय सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन के. पी. सिंह कछवाह की अध्यक्षता एवं शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी के संचालन में हुआ । मुख्य अतिथि के रूप में स्वामी हनुमान दास उपस्थित रहे । काव्य गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए के. पी . सिंह कछवाह ने वाणी वंदना मे अपने भाव प्रसून प्रस्तुत करते हुए कहा- हंस वाहिनी सरस्वती,मां, विद्या की खान।
बुद्धि विमल कर दीजिए, नव कविता का ज्ञान।।पुनः कार्यक्रम को गति देते हुए काव्य पाठ में कुछ इस प्रकार से अपने अंतर्भावों को प्रस्तुत किया- पावन सावन मास में,बही भक्ति की धार। घर,मंदिर चहुंओर है, भोले की जयकार।।
डा. सत्य नारायण मिश्र ने अपने भावों को एक छंद के माध्यम से कुछ इस प्रकार व्यक्त किया – साहित्य सरोवर है भरा, करते सब स्नान।
काव्य लहरियां दे रहीं, सबको उत्तम ज्ञान।।
प्रदीप कुमार गौड़ ने अपने क्रम में काव्य पाठ में कुछ इस प्रकार भाव प्रस्तुत किये – शिव की कृपा दृष्टि पाने का, आया है शुभ श्रावण मास।
‘ओम् नमः शिवाय’ मंत्र जप, पूरन कर लो मन की आश।।
डॉ शिव सागर साहू ने काव्य पाठ में अपने भावों को कुछ इस प्रकार शब्द दिए – आपदा प्रबंधन हो ऐसा, जिससे कोई नुकसान न हो।
बादल फाटे, धरती कांपे, पर जीवन का अवसान न हो।।
काव्य गोष्ठी के आयोजक एवं संचालक शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी ने अपने भाव एक छंद के माध्यम से कुछ यों व्यक्त किये- लव जिहाद का भेड़िया, ओढ़े घूमे प्यार।
कितने ही छांगुर डटे, करते क्रूर शिकार।।
आगे पुनः पढ़ा- शिव शंकर जैसा कहो, किसका हृदय विशाल।
माथ कलंकी चंद्रमा, गले व्याल की माल।।
कार्यक्रम के अंत में स्वामी जी ने सभी को आशीर्वाद प्रदान किया ।आयोजक ने आभार व्यक्त किया ।