Fatehpur: पीपल- बरगद पूजिए, हो इनका श्रृंगार।
फतेहपुर-शैलेन्द्र साहित्य सरोवर की 386 वीं साप्ताहिक रविवासरीय काव्य गोष्ठी
मुराइन टोला स्थित हनुमान मंदिर में शैलेन्द्र साहित्य सरोवर के बैनर तले 386 वीं साप्ताहिक रविवासरीय सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन के. पी. सिंह कछवाह की अध्यक्षता एवं शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी के संचालन में हुआ । मुख्य अतिथि के रूप में मंदिर के महंत स्वामी रामदास उपस्थित रहे
काव्य गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए के. पी . सिंह कछवाह ने वाणी वंदना मे अपने भाव प्रसून प्रस्तुत करते हुए कहा- वंदन माता शारदे, अर्पित चंदन – फूल ।
विमल करो मन, बुद्धि, चित्त, रहो सदा अनुकूल।।
पुनः कार्यक्रम को गति देते हुए काव्य पाठ में कुछ इस प्रकार से अपने अंतर्भावों को प्रस्तुत किया- पीपल- बरगद पूजिए, हो इनका श्रृंगार।
प्राण वायु इनसे मिले, जीवन का आधार।।
डा. सत्य नारायण मिश्र ने अपने भावों को एक छंद के माध्यम से कुछ इस प्रकार व्यक्त किया – यमुना किनारे, वट के सहारे । राधा पुकारे , कहां प्राण प्यारे ?
आओ कन्हैया, वंशी बजैया।।
डा शिव सागर साहू ने अपने भावों को मुक्तक में कुछ इस प्रकार पिरोया- आपरेशन सिंदूर की चर्चा है चहुंओर।
सेना के इस शौर्य की, महिमा का है शोर।।
प्रदीप कुमार गौड़ ने अपने क्रम में काव्य पाठ में कुछ इस प्रकार भाव प्रस्तुत किये – सेवा, धर्म, न्याय की देवी, जिनकी प्रतिभा जग छाई।
कहें लोकमाता सब उनको, धन्य धन्य अहिल्याबाई।।
काव्य गोष्ठी के आयोजक एवं संचालक शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी ने अपने भाव एक गीत के माध्यम से वट सावित्री व्रत के उपलक्ष्य में कुछ यों व्यक्त किये- वट – पूजन से सावित्री सा , अचल सुहाग- सिंदूर रहे ।
पति- पत्नी में अमिट प्रेम हो, सुख- वैभव भरपूर रहे।।
कार्यक्रम के अंत में स्वामी जी ने सभी को आशीर्वाद प्रदान किया ।आयोजक ने आभार व्यक्त किया ।