नरसिंह मौर्य
फतेहपुर जिले के किशनपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में पिछले दिनों एक मुस्लिम समुदाय के युवक द्वारा दलित समाज की हिंदू लड़की को अगवा करने का मामला सामने आया था। जिसमें पुलिस ने अगवा किशोरी को बरामद कर साक्ष्यों व बयानों के आधार पर आरोप मुस्लिम युवक को शांतिभंग की धारा में चालान कर मामले को खत्म कर दिया था।
बीते बुधवार को किशोरी के परिजनों ने पुलिस अधीक्षक से मिल पुलिस पर किशोरी को डरवा धमकाकर बयान दिलाने का आरोप लगाया है। परिजनों का आरोप है कि मुस्लिम समुदाय का मड़ौली गांव निवासी युवक मोहम्मद यासीन उर्फ छोटू किशोरी को बहला फुसलाकर भगा ले गया था। आरोप है कि पुलिस ने किशोरी को आरोपी लड़के से साथ बरामद किया था। लेकिन पुलिस ने किशोरी को परिजनों से मिलने नहीं दिया और किशोरी को डरवा धमकाकर लड़के के पक्ष बयान देने का दबाव बनाया था। साथ ही थाने में तैनात महिला कांस्टेबल मोनिका रावत ने भी किशोरी को बयान बदलने पर परिजनों व किशोरी को जेल भेजने की धमकी दी। जिससे डरी हुई किशोरी ने पुलिस के बताए गए आधार पर बयान दे दिए। जिससे पुलिस ने आरोपी का बचाव कर दिया। जब किशोरी परिजनों को मिली तो आप बीती बताई। किशोरी ने बताया की आरोपी मोहम्मद यासीन उसके साथ सालो से शोषण कर रहा है बीते दिन वह उसे अपने साथ ले गया। साथ ले जाकर आरोपी युवक ने उसे मस्जिद में ले जाकर मांस खिलाया और धर्म परिवर्तन कर निकाह करने की बात कही। किशोरी ने बताया कि गनीमत यह रही कि उस दौरान परिजनों ने पुलिस से शिकायत की तो पुलिस ने आरोपी युवक के परिजनों को हिरासत में लेकर दबाव बनाया जिसके बाद आरोपी युवक उसे लेकर वापस लौटा। वापस आने पर खागा में आरोपी युवक के पिता ने किशोरी को डरा धमकाकर युवक के साथ न जाने का बयान देने का दबाव बनाया। किशोरी आरोपी युवक व उसके परिजनों समेत पुलिस के दबाव में आकर बयान दे गई। जिसके तहत पुलिस ने आरोपी का बचाव कर दिया।
वहीं मामले में किशनपुर थानाध्यक्ष दिवाकर सिंह ने बताया कि पिता की दी गई तहरीर के आधार पर किशोरी नाबालिग थी जिस पर मुकदमा दर्ज किया गया था। अभी क्षेत्राधिकारी खागा के यहां मामले की विवेचना चल रही है।







