नरसिंह मौर्य फतेहपुर
जनपद फतेहपुर के जहानाबाद थाना क्षेत्र अंतर्गत निरखी गांव निवासी बीएसएफ जवान शशि कुमार पांडे की हृदयगति रुकने से जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में ड्यूटी के दौरान असामयिक मृत्यु हो गई। सोमवार को उनका पार्थिव शरीर जब गांव पहुंचा, तो पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। परिजनों के करुण क्रंदन और ग्रामीणों की भीगी आंखों के बीच बीएसएफ जवानों ने अपने वीर सिपाही को अंतिम सलामी दी।
शशि कुमार पांडे बीएसएफ में 1990 से अपनी सेवाएं दे रहे थे। तीन दशक से अधिक समय तक उन्होंने देश के विभिन्न सीमावर्ती और संवेदनशील इलाकों में तैनात रहते हुए निष्ठा और समर्पण के साथ राष्ट्र सेवा की। गांव में उन्हें न सिर्फ एक अनुशासित और कर्मठ जवान के रूप में जाना जाता था, बल्कि युवाओं के लिए वे हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहे।
सोमवार सुबह बीएसएफ की एक टुकड़ी पार्थिव शरीर को लेकर गांव पहुंची। गांव के हर व्यक्ति की आंखें नम थीं। हजारों की संख्या में ग्रामीण, पड़ोसी और रिश्तेदार अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े। बीएसएफ जवानों ने शशि कुमार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम सलामी दी और पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद पारंपरिक रीति-रिवाजों और राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
इस मौके पर शशि कुमार के छोटे भाई ने बताया, “भैया 1990 से बीएसएफ में थे। वे बेहद अनुशासित, ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ थे। उन्होंने पूरे जीवन देश की सेवा में समर्पित किया। हमें उन पर गर्व है।”
वहीं गांव के बुजुर्ग और स्थानीय निवासी रामबाबू तिवारी ने कहा, “हमारा गांव धन्य है, जहां ऐसा लाल जन्मा। उनकी सेवा, उनका जीवन और उनका बलिदान युवाओं के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा। माटी के इस लाल की शहादत पर हमें गर्व है।”
बीएसएफ अधिकारियों ने भी शशि कुमार के योगदान को याद करते हुए कहा कि वे एक समर्पित सिपाही थे, जिनकी कमी पूरी फोर्स को खलेगी। प्रशासन की ओर से उपजिलाधिकारी और तहसीलदार भी अंतिम संस्कार में शामिल हुए और परिजनों को शोक संवेदना व्यक्त की।
शशि कुमार पांडे के जाने से गांव में गहरा सन्नाटा पसरा है, लेकिन उनका साहसिक जीवन और देशभक्ति की भावना गांव के युवाओं के हृदय में सदा जीवित रहेगी। उनके बलिदान को सदैव याद किया जाएगा।