फतेहपुर- शैलेन्द्र साहित्य सरोवर की 396 वीं साप्ताहिक रविवासरीय काव्य गोष्ठी संपन्न शहर के मुराइन टोला स्थित हनुमान मंदिर में शैलेन्द्र साहित्य सरोवर के बैनर तले 396 वीं सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन के. पी. सिंह कछवाह की अध्यक्षता एवं शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी के संचालन में हुआ । मुख्य अतिथि के रूप में मंदिर के पुजारी जी स्वामी भार्गव महाराज उपस्थित रहे ।
काव्य गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए के. पी . सिंह कछवाह ने वाणी वंदना मे अपने भाव प्रसून प्रस्तुत करते हुए कहा- सरस्वती मां आइए, करें सभी जन ध्यान ।
कविता का श्रंगार कर,दो विद्या का दान ।।
पुनः कार्यक्रम को गति देते हुए काव्य पाठ में कुछ इस प्रकार से अपने अंतर्भावों को प्रस्तुत किया- नित्य निरंतर कीजिए, शिव शंकर का जाप।
जीवन में सुख शांति हो, मिटें सभी संताप।।
डा. सत्य नारायण मिश्र ने अपने भावों को एक छंद के माध्यम से कुछ इस प्रकार व्यक्त किया – झरझर पानी बरसता, सरसर पवन चलाय।
फरफर चूनर उड़ति है,मनहू अति हरसाय।।
दिनेश कुमार श्रीवास्तव ने अपने भावों को मुक्तक में कुछ इस प्रकार पिरोया- पुत्रवधू वैदेही का अपहरण नहीं वह सह पाए ।
निज प्राणों का भी मोह छोड़, खग ने अपने पर कटवाए।।
प्रदीप कुमार गौड़ ने अपने क्रम में काव्य पाठ में कुछ इस प्रकार भाव प्रस्तुत किये – बड़े-बड़े डगमगा रहे थे, शिव ने ही विषपान किया।
सकल सृष्टि कर उठी वंदना, ‘नीलकंठ’ शुभ नाम दिया ।।
डॉ शिव सागर साहू ने काव्य पाठ में अपने भावों को कुछ इस प्रकार शब्द दिए – देवाधिदेव हे महादेव,गणपति औ उमा सहित आवें ।
स्वीकार करें पूजन – वंदन , कल्याण दृष्टि निज सरसावें।।
नवीन शुक्ला ने पढ़ा- सदा रखें समदृष्टि, दीन के पालक करुणा धाम हैं।
पाकर कृपा तुम्हारी होते निरा अधम निष्काम हैं।।
राम तुम्हारा नाम नीति का, मानवता का शिखर कलश,
मर्यादा ,सद्भाव, समर्पण पाते जहां विराम हैं।।
श्री कृष्ण गुप्ता एडवोकेट ने पढ़ा – भारत मां की यही पुकार, जन-जन हो जाए तैयार।
क्रांतिकारियों की यह पावन, धरती, सबको इससे प्यार।।
काव्य गोष्ठी के आयोजक एवं संचालक शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी ने अपने भाव एक गीत के माध्यम से कुछ यों व्यक्त किये – शिव शंकर जैसा नहीं ,कोई ईश महान।
देव, दनुज ,नर ,नाग सब, जिनके लिए समान।।
कार्यक्रम के अंत में स्वामी जी ने सभी को आशीर्वाद प्रदान किया ।आयोजक ने आभार व्यक्त किया ।