शपथ समाचार-यूपी के फतेहपुर जिले में सत्ता से जुड़े दो जनप्रतिनिधियों के बीच जमीन विवाद का मामला काफी चर्चा में है। बात इतनी बढ़ी कि भाजयुमो नेता (Fatehpur Politics) को cm योगी से मिलना पड़ा। बात सूबे के मुखिया तक पहुंची तो उनकी त्योरियां चढ़ गईं। इस मामले में पुलिस टीम द्वारा एक जनप्रतिनिधि के इशारे पर काम करने की बात सामने आ रही थी। अब जब sp ने कार्रवाई का चाबुक चलाया है तो इस पूरे मामले को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
दो दिन पहले शुक्रवार को एसपी धवल जायसवाल ने बिंदकी कोतवाल सुनील कुमार को लाइन हाजिर कर दिया। कार्रवाई हुई तो एकदम से जमीन विवाद का मामला गरमा गया। दरअसल, हाल ही में बिंदकी कोतवाली में एक मामला दर्ज किया गया। मामला था बकेवर की 14 बीघा जमीन का बैनामा धोखाधड़ी से कराने का। इस जमीन का बैनामा एक विधायक की बहू के नाम पर हुआ था।

केस दर्ज होने के पीछे जनप्रतिनिधि का हाथ
विधायक की बहू के नाम पर हुए बैनामे पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया तो लोगों के कान खड़े हो गए। लोग कान लगाकर उड़ती हवाओं पर कुछ सुनने की कोशिश करने लगे। उड़ती हवा से जो संदेश मिला वह और भी चौंकाने वाला था। लोगों में चर्चा हो गई कि यह केस दर्ज होने के पीछे एक जनप्रतिनिधि का हाथ है। उन्होंने ऐसा क्यों किया होगा? जब इस पर ध्यान आकर्षित हुआ तो पता चला कि इस जमीन पर तो उनकी नजर गड़ी हुई थी। लेकिन, विधायक की बहू ने इस पर बाजी मार दी थी।

करोड़ों रुपये के धान घोटाले में मांगी गई घूस
अब बात वर्चस्व पर आई तो विधायक ने इस पर सोचना शुरू कर दिया। इसी बीच मामले की शिकायत सीधे मुख्यमंत्री से कर दी गई। शिकायत में कहा गया कि कोतवाल एक जनप्रतिनिधि के इशारे पर काम कर रहे हैं। उधर, चर्चा यह भी होने लगी कि करोड़ों रुपये के धान घोटाले वाले मामले में भी पुलिस ने आरोपियों से घूस मांगी थी। लगे हाथ इसकी शिकायत भी शासन स्तर पर कर दी गई।
इंस्पेक्टर पर जमीन कब्जाने का भी आरोप
इधर कुछ महीनों से बिंदकी तहसील क्षेत्र में संपत्तियों पर कब्जे के मामलों में पुलिस का गजब दखल देखा जा रहा है। यहां तक कि भाजपाइयों ने इंस्पेक्टर पर एक जमीन कब्जाने का भी आरोप लगाया। लेकिन, मामले में जनप्रतिनिधि का हाथ होने से अधिकारी चुप बैठे रहे।

मुख्यमंत्री से भाजयुमो नेता की थी शिकायत
एक भाजयुमो ने बीती 23 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने बिंदकी कोतवाल के खिलाफ वसूली की शिकायत की थी। आरोप लगाया था कि कोतवाल ने धान घोटाले के आरोपी की पत्नी और उसके बेटे का नाम केस से हटाने के लिए घूस मांगी थी। इससे जुड़ी फोन कॉल रिकॉर्डिंग का होना भी सामने आया है। हालांकि शपथ समाचार किसी भी रिकॉर्डिंग की पुष्टि नहीं करता है। इसके अलावा कई अन्य मामलों में भी उगाही के आरोप लगाए।
आरोपों की जांच के लिए जांच टीम गठित
अब एसपी धवल जायसवाल ने कोतवाल को लाइन हाजिर कर दिया है। आरोपों की जांच के लिए जांच टीम गठित की है। इस टीम में एएसपी, सीओ और एलआईयू हैं। इससे पहले 19 जनवरी 2025 को भाजपा नेताओं से अभद्रता के लिए कार्यकर्ताओं ने कोतवाली का घेराव किया था। भाजपा नेताओं ने क्षेत्र के एक गांव में जमीन कब्जा कराने का आरोप लगाया था।