फतेहपुर जनपद के जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र व देवमई ब्लॉक के के अंतर्गत रिन्द नदी किनारे बसे कृपालपुर गांव की महिलाओँ ने रिन्द नदी में आवागमन आसान बनाने के लिए लकड़ी का एक वैकल्पिक पुल बनाने का काम युद्घस्तर शुरू कर दिया है। आसपास के ग्रामीण दो से तीन दशकों से नदी पर पुल की निरन्तर मांग करते चले आ रहे थे, लेकिन सरकारें बदली-जनप्रतिनिधि बदले लेकिन समस्या वही रही। जिससे आजिज आकर ग्रामीणों ने यह बीड़ा उठाया है।
पुल बनाने में महती भूमिका निभाने वाली बिंधा कृपालपुर की दो महिलाएं कलावती और सीमा देवी ने अपने गांव के बच्चों की शिक्षा, इलाज व रोजमर्रा की समस्याओं को देखते हुए सभी ग्रामीणों को एकजुट कर यह प्रयास किया है। स्थानीय नागरिक रामगोपाल निषाद का कहना है कि रोजाना हमारे गांव के लोगों को नदी पार कर बाजार-हाट, इलाज के लिए अस्पताल, स्कूल आदि के लिए बकेवर कस्बे आना जाना पड़ता है, अभी तक सिर्फ नाव ही हमारा सहारा बनी हुई है, बड़ी मुश्किल उठानी पड़ती है । अब हम लोग परेशान होकर पुल बना रहे है। कई बार पुल की मांग की है लेकिन किसी ने आज तक सुध नही ली है, जबकि इस गाँवो में ज्यादातर निषाद विरादरी के ही लोग रहते हैं। चुनाव के समय सभी ने पुल बनवाने का सिर्फ झूठा आश्वासन ही दिया था। वही गांव की कक्षा 10 की छात्रा ज्योति का कहना है की यहां से करीब 300 स्कूली बच्चे उफनाती नदी को नाव से पारकर प्रतिदिन स्कूल आते जाते हैं। इस पुल के बनने से दर्जनों गांव के लोगो को राहत मिलेगी। पुल के निर्माण में करीब 80 हजार रुपये अभी तक खर्च हो चुके हैं वही अभी करीब दो लाख रुपयों की और आवश्यकता और होगी। यह पुल एक अस्थायी व्यवस्था है, कुछ ग्रामीणों ने पुल के निर्माण के लिए चंदा भी दिया है, और कुछ ने श्रमदान भी किया है।
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जब सरकार ने नही सुनी तो महिलाओं ने रिन्द नदी में चंदा कर बना रहे है लकड़ी का वैकल्पिक पुल

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