आदर्श तिवारी
फतेहपुर। सोमवार की सुबह जब अभिभावक निश्चिंत होकर अपने बच्चों को स्कूल भेज रहे थे, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि कुछ ही देर बाद किलकारियों की जगह चीखें सुनाई देंगी। ग्राम हसनपुर से बिलंदा की ओर जा रही रेडिएंट वे पब्लिक स्कूल की वैन अचानक अनियंत्रित होकर पलट गई।
वैन में 15 बच्चे सवार थे। हादसे में अभय सिंह, कमल, कार्तिक और कृषिक नाम के मासूम घायल हो गए। परिजन घबराकर उन्हें निजी अस्पताल लोधीगंज ले गए। डॉक्टरों ने राहत दी कि चोटें गंभीर नहीं हैं, लेकिन माता-पिता का दिल दहला हुआ है।
—
“चालक नशे में था” – ग्रामीण
गाँव वालों का कहना है कि हादसे के वक्त वैन चालक नशे में था और टक्कर लगने के बाद मौके से फरार हो गया। गुस्साए ग्रामीण पूछते हैं – “क्या हमारी संतानों की जान इतनी सस्ती है कि कोई भी बिना जांच-पड़ताल के वैन चलाए?”
—
FIR तक दर्ज नहीं हुई
सबसे हैरानी की बात यह रही कि हादसे के बाद भी स्कूल प्रबंधन ने न तो पुलिस में FIR कराई और न ही चालक के खिलाफ कोई कार्रवाई की। इस चुप्पी ने अभिभावकों और ग्रामीणों की नाराज़गी और बढ़ा दी।
—
डीएम की बैठक और बड़ा फैसला
हादसे की खबर मिलने के बाद जिला अधिकारी ने अफसरों संग बैठक बुलाई। बैठक में डीएम ने बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) को स्पष्ट निर्देश दिया कि ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नतीजा यह हुआ कि रेडिएंट वे पब्लिक स्कूल की मान्यता रद्द कर दी गई।
डीएम ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है और FIR न दर्ज कराना स्कूल प्रशासन की गंभीर चूक मानी जाएगी।
> इस कार्रवाई में तेज़ी आने का असर शपथ समाचार में प्रकाशित खबर के व्यापक कवरेज का भी माना जा रहा है। खबर में उठाए गए सवाल और अभिभावकों की आवाज़ ने प्रशासन को तुरंत कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।
—
अभिभावकों की चिंता
घटना के बाद अभिभावकों की रातों की नींद उड़ गई है। एक अभिभावक ने आक्रोश जताते हुए कहा – “हम बच्चों को पढ़ाई के लिए भेजते हैं, लेकिन लौटते वक्त हमें डर सताता है कि कहीं वो सुरक्षित वापस आएंगे भी या नहीं।”







