More
    Homeउत्तर प्रदेशफतेहपुरतालाब में मछली पकड़ रहे ग्रामीणों के जाल में फंसा 15 फीट...

    तालाब में मछली पकड़ रहे ग्रामीणों के जाल में फंसा 15 फीट लंबा अजगर, वन विभाग की लापरवाही से ग्रामीणों में आक्रोश

    Published on

    बारिश के बीच अजगर देखने उमड़ी भारी भीड़, समय से न पहुंचने पर ग्रामीणों ने खुद ही छोड़ा जंगल में

    नरसिंह मौर्य फतेहपुर

    नगर पंचायत असोथर के वार्ड संख्या 8 स्थित मुराइन मोहल्ले में शनिवार की सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब तालाब में मछली पकड़ने के लिए लगाए गए एक जाल में 15 फीट लंबा विशालकाय अजगर फंस गया। जाल में हलचल महसूस होते ही बच्चों को बड़ी मछली फंसने का आभास हुआ, लेकिन जब प्रयास करने के बावजूद जाल नहीं निकला, तो उन्होंने आसपास के अन्य लोगों को बुलाया।

    मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने जब मिलकर जाल को बाहर निकाला, तो उसमें फंसे अजगर को देखकर सबके होश उड़ गए। बच्चों और ग्रामीणों ने किसी तरह साहस दिखाकर अजगर को तालाब से बाहर खींचकर गांव के किनारे लाए। बारिश होने के बावजूद भारी संख्या में लोग अजगर को देखने जुट गए।

    वन विभाग से की गई सूचना के बाद भी नहीं पहुंचे जिम्मेदार

    स्थानीय एक समाजसेवी ने तत्काल मामले की सूचना वन विभाग के दरोगा रामराज को दी। शुरुआत में उन्होंने मौसम खराब होने का हवाला देते हुए कार्रवाई में असमर्थता जताई और क्षेत्रीय रेंजर से बात करने की बात कही। बाद में बताया गया कि स्नैक कैचर से संपर्क कर अजगर को जंगल में छुड़वाने का प्रयास किया जाएगा।
    लेकिन दोपहर चार बजे तक कोई भी अधिकारी या स्नैक कैचर मौके पर नहीं पहुंचा। अंततः ग्रामीणों ने ही पहल करते हुए अजगर को पास के जंगल में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया।

    ग्रामीणों में वन विभाग के रवैए को लेकर आक्रोश

    ग्रामीणों ने वन विभाग के लापरवाह रवैए पर गहरी नाराजगी जताई। लोगों का कहना है कि जब इस तरह की आपात स्थिति में भी वन विभाग सहयोग नहीं कर सकता, तो फिर आमजन की सुरक्षा का क्या होगा।
    स्थानीय नागरिकों ने यह भी आरोप लगाया कि यदि किसी स्थान पर लकड़ी कटाई की सूचना दी जाती है, तो विभागीय अधिकारी मौके पर पहुंचने की बजाय लकड़ी ठेकेदारों से सांठगांठ कर मामला दबा देते हैं। यदि कभी कार्रवाई होती भी है, तो सिर्फ खानापूरी कर ली जाती है।

    सरकार और सरकारी मंशा पर सवाल

    इस पूरे प्रकरण ने वन विभाग की कार्यप्रणाली और सरकार की पर्यावरण संरक्षण की मंशा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार जहां वन्यजीवों और पर्यावरण संरक्षण को लेकर कठोर नीति लागू करने की बात करती है, वहीं विभागीय अमला मौके पर जिम्मेदारी निभाने को तैयार नहीं दिखता।
    यदि तालाब में अजगर के बजाय कोई और जहरीला या आक्रामक जीव फंसा होता, तो हादसा भी हो सकता था। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से यह मामला एक बार फिर सरकारी तंत्र की जमीनी हकीकत उजागर करता है।

    10K views
    spot_img
    spot_img
    spot_img
    spot_img
    spot_img
    spot_img

    Latest articles

    खबर का असर: भाजपा मंडल महामंत्री की तत्परता से प्रशासन हरकत में आया, बेरूई गांव को जलभराव से मिली राहत

    जलजमाव से त्रस्त ग्रामीणों की समस्या का हुआ समाधान, नाला/नालियों की सफाई शुरू नरसिंह मौर्य...

    चिदंबरम राहुल और दिग्विजय को देश से क्षमा मांगकर प्रायश्चित करना चाहिए,-उमा भारती

    कावड़ यात्रा में शामिल होने झाँसी पहुंची मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने...

    यमुना का जल स्तर खतरे के निशान से लगभग दो मीटर ऊपर, जिला प्रशासन ने कसी कमर

    फतेहपुर जिले के ललौली थाना क्षेत्र के ललौली कस्बे समेत यमुना तटवर्ती इलाकों में...

    तेज रफ्तार पिकअप ने बाइक में मारी टक्टर हादसे में बाइक सवार जीजा – साले की मौके पर दर्दनाक मौत

    फतेहपुर- तेज रफ्तार पिकअप ने बाइक में मारी टक्टर हादसे में बाइक सवार जीजा...

    More like this

    खबर का असर: भाजपा मंडल महामंत्री की तत्परता से प्रशासन हरकत में आया, बेरूई गांव को जलभराव से मिली राहत

    जलजमाव से त्रस्त ग्रामीणों की समस्या का हुआ समाधान, नाला/नालियों की सफाई शुरू नरसिंह मौर्य...

    चिदंबरम राहुल और दिग्विजय को देश से क्षमा मांगकर प्रायश्चित करना चाहिए,-उमा भारती

    कावड़ यात्रा में शामिल होने झाँसी पहुंची मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने...

    यमुना का जल स्तर खतरे के निशान से लगभग दो मीटर ऊपर, जिला प्रशासन ने कसी कमर

    फतेहपुर जिले के ललौली थाना क्षेत्र के ललौली कस्बे समेत यमुना तटवर्ती इलाकों में...