फतेहपुर- शैलेन्द्र साहित्य सरोवर की 409 वीं साप्ताहिक रविवासरीय काव्य गोष्ठी शहर के
मुराइन टोला स्थित हनुमान मंदिर में शैलेन्द्र साहित्य सरोवर के बैनर तले 409 वीं साप्ताहिक रविवासरीय सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन प्रदीप कुमार गौड़ की अध्यक्षता एवं शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी के संचालन में हुआ । मुख्य अतिथि के रूप में मंदिर के पुजारी जी उपस्थित रहे ।
काव्य गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए प्रदीप कुमार गौड़ ने वाणी वंदना मे अपने भाव प्रसून प्रस्तुत करते हुए कहा- श्वेत कमल पर आप सुशोभित, भरती जग में उजियारा।
विद्या दायिनि सरस्वती मां ,हरो हृदय का अंधियारा ।।
पुनः कार्यक्रम को गति देते हुए काव्य पाठ में कुछ इस प्रकार से अपने अंतर्भावों को प्रस्तुत किया- भगवन शालिग्राम हैं दूल्हा, दुलहन हैं तुलसी मैया ।
शुभ- विवाह उत्सव का पूजन, गन्नों का मंडप , छैंया।। श्री जगन्नाथ मंदिर के भूमि पूजन के अवसर पर एक छंद और भी पढ़ा – धन्य धन्य हो गया फतेहपुर, तन- मन चढ़ा भक्ति का रंग।
बनेगा मंदिर जगन्नाथ , बलभद्र ,सुभद्रा बहना संग।।
डा. सत्य नारायण मिश्र ने अपने भावों को एक छंद के माध्यम से कुछ इस प्रकार व्यक्त किया – पथिक! तुम्हारा धर्म नहीं, पथ बीच कहीं भी रुक जाना ।
आएं कितने भी संकट , उनसे न कभी तुम घबराना ।।
के पी सिंह कछवाह ने पढ़ा – देवोत्थान एकादशी, का है पर्व महान।
व्रतियों को दे हर खुशी ,करता मोक्ष प्रदान ।।
राम अवतार गुप्ता ने अपने भावों को मुक्तक में कुछ इस प्रकार पिरोया- तुलसी जी का विष्णु संग , जो जन करते व्याह।
लक्ष्मी वहां विराजतीं, पूरण करतीं चाह ।।
डॉ. शिव सागर साहू ने काव्य पाठ में अपने भावों को कुछ इस प्रकार शब्द दिए – बिना धर्म के काम असंयम, भोग रोग बन जाता है।
धर्म – डोर ढीली होने पर , नर पिशाच कहलाता है ।।
काव्य गोष्ठी के आयोजक एवं संचालक शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी ने हरि प्रबोधिनी एकादशी पर्व के अवसर पर अपने भाव एक मुक्तक के माध्यम से कुछ इस प्रकार व्यक्त किये – जागो -जागो जगतपति, देखो नयन उघार ।
दुष्टों का संहार कर, करो जगत- उद्धार।।
कार्यक्रम के अंत में पुजारी जी ने सभी को आशीर्वाद प्रदान किया ।आयोजक ने आभार व्यक्त किया ।







