फतेहपुर-माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज बोर्ड के घोषित हुए हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के परीक्षा परिणाम में फतेहपुर जनपद अपने एक दशक से अधिक के टॉपरों के इतिहास को नहीं दोहरा सका।कभी टॉपरों की खान रहा जिला ‘2025’ के परीक्षा परिणाम में ऐसे किनारे हुआ जैसे पढ़ाई लिखाई से स्कूलों एवं छात्रों का मानों नाता ही टूटा रहा हो।अकेले जेडी इंटर कॉलेज हुसैनगंज के दिहाड़ी मजदूर के पुत्र श्रेयांश ने प्रदेश सूची में नवां स्थान हासिल कर जिले का कुछ मान बचाया है।अब सवाल यह खड़ा होता है कि एक वर्ष में ही जिले की प्रतिभाओं को आखिर ग्रहण किसने लगा दिया?कमी किसी व्यवस्था का हिस्सा थी या फिर कोई ऐसी चूक विद्यालयों एवं छात्रों से हो गई जिसकी वजह से टापरों की सूची से जनपद बाहर सा हो गया।
एक दशक से भी अधिक समय जिले के लिए गौरव बढ़ाने वाला रहा।यहां हाईस्कूल से लेकर इंटरमीडिएट तक एक-दो नहीं बल्कि एक-एक दर्जन और उससे भी अधिक बच्चे प्रदेश सूची में अपना स्थान बनाने वाले रहे हैं।इनमें पहला,दूसरा स्थान से लेकर नीचे के पायदान तक पहुंचाने वालों की संख्या भी बहुतायत रही। एक समय तो ऐसा आया जब लगा कि जैसे पूरे प्रदेश की प्रतिभाओं को जिले ने ही गिरवी रख लिया है।यह तय हो जाता कि प्रदेश सूची में नाम तो फतेहपुर का ही आने वाला है।सवाल न तो विद्यालयों पर हैं और न ही छात्र-छात्राओं की प्रतिभा पर लेकिन एक सवाल जरूर कौंध रहा है कि आखिर इस बार ऐसा क्या हो गया कि प्रदेश सूची से टापरों के पिटारे वाले जिले से होनहार निकल ही नहीं पाए।आखिर चूक कहां हो गई।सवाल तो यह भी है कि गत वर्षो में जो जिले के टॉपर रहे आखिर उनका शैक्षिक भविष्य एवं उनका कैरियर कहां तक पहुंचा?एक नहीं ऐसी अनगिनत प्रतिभाएं जिले में ही जंग खा गईं जो प्रदेश सूची में अपना नाम शामिल कराने वाली रही हैं।जिले में संचालित 432 राजकीय,सवित्त एवं वित्तविहीन विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का केवल प्रदेश सूची से नाम ही गायब नहीं हुआ है बल्कि गत वर्षो की तुलना में परीक्षा परिणाम में भी गिरावट आई है।
अगर केवल ‘2024’ के परीक्षा परिणाम की बात की जाए तो हाईस्कूल में 4.1फ़ीसदी एवं इंटरमीडिएट में 8.44 फ़ीसदी की बड़ी गिरावट देखने को मिली है।मुख्यालय सहित जिले का शायद ही कोई ऐसा कोना रहा हो जहां से टॉपर निकल कर सामने न आते रहे हों।इन टॉपरों का भविष्य में समायोजन कहां हुआ?किन क्षेत्रों में जाकर इन्होंने अपनी प्रतिभा दिखाई यह सब परीक्षा परिणाम के साथ ही दफन होता चला गया।।ऐसी बहुत सारी प्रतिभाओं को देखकर दुख होता रहा कि जिन्होंने प्रदेश में जिले का नाम एवं मान बढ़ाया है वह ऐसे उच्च शिक्षा वाले बदनामसुदा महाविद्यालयों में शिक्षा लेते रहे जिनसे ऐसे होनहारों से उम्मीद तो नहीं की जा सकती थी।अब यह तो उनका मार्ग प्रशस्त करने वाले बताएं,स्वयं बच्चे अपना आत्ममंथन करें और अभिभावक सोचें की जिन बच्चों ने जिले का मान प्रदेश स्तर पर बढ़ाया क्या उनकी प्रतिभा की ऐसी दुर्गति होनी चाहिए?बात अगर विभागीय व्यवस्थाओं की की जाए तो जिला विद्यालय निरीक्षक राकेश कुमार के आने के बाद से ही जो स्कूलों पर उन्होंने अपनी निगाहें गडाई उससे साफ पता चलने लगा था कि इस बार या तो कुछ बहुत बड़ा होगा या फिर कुछ होने वाला ही नहीं है।
नकलविहीन एवं पारदर्शी परीक्षा के संकल्प को दोहराते हुए जिला प्रशासन एवं विभाग ने जो कमरकशी उसका परिणाम सामने है और यह कहा जा सकता है कि जो भी प्रतिभाएं अपनी पढ़ाई लिखाई के दम पर आगे आईं हैं और कोई भी मुकाम हासिल किया है उसकी गुणवत्ता सोने जैसी खरी हो सकती है।बच्चे परिवार विद्यालय एवं जिले का गौरव बढ़ाएं जरूर लेकिन ऐसा न हो कि बदनामी की वह कालिख भी लगे जिसे कोई अपने ऊपर लेना नहीं चाहता।हो कुछ भी लेकिन एक दशक से अधिक समय का टॉपरों का जो मिथक ‘2025’ की परीक्षा में टूटा है वह बहुतों के लिए आत्ममंथन का विषय है।उन्हें समीक्षा करनी चाहिए की कमी कहां रह गई?और पूरे जोशो-खरोश,लगन,निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ ‘2026’ की परीक्षा में पुराने इतिहास को दोहराने के लिए कृत संकल्पित हों।अपने दम पर बेहतर परिणाम देने वाले होनहारों एवं परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले बच्चों को उनके उज्ज्वल भविष्य की अनंत शुभकामनाएं एवं बधाई।बधाई श्रेयांश को भी जिसने अभाव के बीच अपने परिश्रम,गुरुजनों के मार्गदर्शन एवं लगन के बल पर जिले को टापरों की सूची में कमतर ही सही लेकिन शामिल कराने का सौभाग्य प्राप्त कराया।
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Fatehpur : टापरों की खान वाले फतेहपुर को आखिर किसकी लग गई नजर

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