फतेहपुर: शैलेन्द्र साहित्य सरोवर की काव्य गोष्ठी शहर के मुराइन टोला स्थित हनुमान मंदिर में 383 वीं साप्ताहिक रविवासरीय सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन के. पी. सिंह कछवाह की अध्यक्षता एवं शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी के संचालन में हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में मंदिर के महंत स्वामी रामदास उपस्थित रहे ।
काव्य गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए के.पी . सिंह कछवाह ने वाणी वंदना मे अपने भाव प्रसून प्रस्तुत करते हुए कहा- शारदे मां शारदे, अज्ञान- तम संहार दे।
बुद्धि,मन निर्मल ह्रदय कर, ज्ञान का भंडार दे।।
पुनः कार्यक्रम को गति देते हुए काव्य पाठ में कुछ इस प्रकार से अपने अंतर्भावों को प्रस्तुत किया- विकसित राष्ट्र बने यह भारत, स्वर्णिम नया विहान हो ।
एक साथ सारे चुनाव का , पारित नया विधान हो।।
डा. सत्य नारायण मिश्र ने अपने भावों को एक छंद के माध्यम से कुछ इस प्रकार व्यक्त किया – नेता ऐसा चाहिए,देशधर्म चित लाय।
आपुनि चिंता छांड़ि़ के, जनहित मां बलि जाय।।
प्रदीप कुमार गौड़ ने अपने क्रम में काव्य पाठ में कुछ इस प्रकार भाव प्रस्तुत किये – लाख – लाख शुभता की दात्री,जग- जननी सीता मइया ।
मना पवित्र जयंती ‘नवमी’, पाएं चरणों की छइयां ।।
डॉ शिव सागर साहू ने काव्य पाठ में अपने भावों को कुछ इस प्रकार शब्द दिए – मां शबरी की भक्ति थी, अद्भुत और महान।
खाये जूठे बेर प्रभु,कर बहुविधि गुण गान।।
काव्य गोष्ठी के आयोजक एवं संचालक शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी ने अपने भाव एक गीत के माध्यम से कुछ यों व्यक्त किये- पहलगाम वाली घटना से ,मर्माहत है पूरा देश।
पाकिस्तानी आंतकी हों ढेर, न रह जाए लवलेश।।
कार्यक्रम के अंत में स्वामी जी ने सभी को आशीर्वाद प्रदान किया ।आयोजक ने आभार व्यक्त किया ।