महाराष्ट्र नव निर्माण सेवा प्रमुख राज ठाकरे के हिंदू और हिंदी को लेकर दिए गए बयान पर साधु संतों का गुस्सा भड़क उठा है। राज ठाकरे ने कहा है कि “मैं हिंदू हूं, लेकिन हिंदी नहीं”। उनके इस बयान को लेकर श्रृंगवेरपुर पीठाधीश्वर जगदगुरु नारायणाचार्य स्वामी शांडिल्य महाराज ने राज ठाकरे के साथ ही शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को करारा जवाब दिया। उन्हें गद्दार बताते हुए कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि यह वही लोग हैं जो मुगलों के आने पर उनकी चमचागिरी कर रहे थे। आज यही छत्रपति शिवाजी महाराज होते तो वह भी उनके बयानों से शर्मसार हो जाते। उन्होंने कहा कि हिंदी से हिंदू है और हिंदू से हिंदी है। दोनों को कतई अलग नहीं किया जा सकता है। शांडिल्य महाराज ने कहा है कि कांग्रेस से हाथ मिलाने के बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की मानसिकता दूषित हो गई है जिससे आज हिंदुओं के खिलाफ ठाकरे बंधु जहर उगल रहे हैं। उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र के मराठी भाई अलग नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा किसी पर थोपी नहीं जा रही है। बल्कि हिंदी सर्व धर्म सर्वभाव की भाषा है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर ठाकरे बंधु राष्ट्र विरोधी कार्य करेंगे। तो उन्हें भी महाराष्ट्र के बाहर जाना पड़ता है। अगर ठाकरे बंधु भारत माता और हिंदू व हिंदी के खिलाफ जहर उगलेंगे तो उनका सर्वनाश हो जाएगा। हमारी हिंदी भाषा सर्वश्रेष्ठ थी और सर्वश्रेष्ठ रहेगी। उन्होंने राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे को हिंदी भाषा को लेकर राजनीति न करने की कड़ी चेतावनी दी है। कहा कि भारत माता, हिंदू और हिंदी के प्रति बयानबाजी करने से राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे को बचना चाहिए और सुधर जाना चाहिए। मराठी भी हमारी भाषा है हमने कभी उसको अलग नहीं माना है लेकिन हिंदी के प्रति भेदभाव ठाकरे बंधुओं की दूषित मानसिकता का नतीजा है।
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